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Back Pain: सिर्फ कुर्सी या गलत पोस्चर ही नहीं, मानसिक तनाव भी है पीठ दर्द का प्रमुख कारण

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PC: saamtv

कमर दर्द आजकल एक बहुत ही आम समस्या बन गई है। पहले यह शिकायत बुज़ुर्गों में पाई जाती थी, लेकिन अब युवाओं से लेकर बच्चों तक, सभी में यह बढ़ती जा रही है। दिन भर लैपटॉप के सामने बैठे रहना, देर तक मोबाइल पर काम करना, शारीरिक गतिविधि की कमी, ये सभी आदतें हमारे शरीर पर बहुत ज़्यादा तनाव डालती हैं।

कई लोग सोचते हैं कि गलत तरीके से बैठना या अनुपयुक्त कुर्सी का इस्तेमाल करना कमर दर्द का मुख्य कारण है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, सिर्फ़ गलत मुद्रा ही नहीं, बल्कि मानसिक तनाव भी कमर और पीठ दर्द का एक बड़ा कारण हो सकता है।

हमारे मन और शरीर का गहरा संबंध है। जब हम तनावग्रस्त, तनावग्रस्त या उदास होते हैं, तो यह मानसिक तनाव शरीर को भी प्रभावित करता है। शरीर में दर्द, भारीपन या अकड़न मानसिक तनाव का कारण हो सकता है। लगातार तनाव के कारण शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है। इस हार्मोन के कारण हमें मांसपेशियों में जकड़न, तनाव और दर्द महसूस होने लगता है। यह प्रभाव ख़ास तौर पर गर्दन और कमर के क्षेत्र में दिखाई देता है।

बढ़ते मानसिक तनाव के कारण लोग अक्सर गलत तरीके से बैठते हैं, झुककर बैठते हैं या शरीर को ढीला रखते हैं, जिससे रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ता है। इसके अलावा, तनावग्रस्त लोगों में पर्याप्त नींद न लेना या नींद पूरी न होना भी आम बात है। मांसपेशियों को पर्याप्त आराम नहीं मिलता और दर्द बढ़ जाता है।

तनाव और दर्द के चक्र से बाहर निकलने के लिए आप नियमित रूप से कुछ आसान उपाय अपना सकते हैं। नियमित व्यायाम, योग और प्रतिदिन 10 से 15 मिनट ध्यान करने से मानसिक तनाव कम करने में मदद मिलती है। खासकर भुजंगासन, बालासन और कैट-काउ पोज़ जैसे आसन पीठ की मांसपेशियों को मज़बूत बनाते हैं।

काम करते समय सही मुद्रा में बैठने, कमर को सहारा देने वाली कुर्सी का इस्तेमाल करने, पर्याप्त नींद लेने और हर आधे घंटे में थोड़ा टहलने या स्ट्रेचिंग करने की आदतें अपनाने से मानसिक तनाव और पीठ दर्द दोनों से राहत मिल सकती है।

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